Friday, January 11, 2013

कांग्रेस मुस्लिम वोट के लिए कितना नीचे गिर सकती है उसका खुलासा मै राष्ट्रपति भवन से एक R T I से कर रहा हूँ


मुस्लिम वोटों के लिए कांग्रेस की नीचता

कांग्रेस मुस्लिम वोट के लिए कितना नीचे गिर सकती है उसका खुलासा मै राष्ट्रपति भवन से एक R T I से कर रहा हूँ ..शर्म आती है कांग्रेस पर....

एक पत्रकार ने R T I से राष्ट्रपति भवन से पूछा की कसाब और अफजल गुरु की फाइल की status क्या है ?

जबाब बहुत ही शर्मनाक आया .. दरअसल अफजल और कसब की फाइल आज तक गृह मंत्रालय में ही है ..राष्ट्रपति भवन भेजी ही नहीं गयी है ..
विकिलिस ने भी खुलासा किया है की सोनिया गाँधी मुस्लिम वोट के लिए हर हाल में अफजल को बचाना चाहती है ..

अब जरा इस डाटा पर भी नज़र डालिए :

नाम ......................... धर्म ..... .......फाइल पर फासी की मुहर लगाने में लगा समय

नाथू राम गोडसे ........ हिन्दू ............ 125 दिन

धनञ्जय कुमार ........ हिन्दू .............. 34 दिन

रंगा और बिल्ला......... हिन्दू.............. 28 दिन

जिन्दा और सुच्चा...... सिख............... 76 दिन

बेअंत सिंह................ सिख............... 87 दिन

केहर सिंह................. सिख.............. 87 दिन

अफजल गुरु........... मुस्लिम........ 5,967 दिन से बिरयानी खा रहा है

कसाब ................... मुस्लिम ..... हजारो दिन हो गए है

यहाँ तक की सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा प्राप्त 46 मुस्लिम ऐसे है जो 17-18 वर्षो से जेल मे मजे मार रहे है ....

ओसामा की आत्मा पछता रही होगी की काश भारत मे छिपा होता तो ...

वाह रे कांग्रेस वोट के लिए आतंकवादियो को अपना दामाद बना कर रखती है
दूर खेत तक पानी ले जाना था, प्यासे खेतो को पानी पिलाना था
इसके बिना रही थी फसल सूख, मिटानी थी धरती के प्यास भूख
सबने मिल किया उपाय, क्यों एक नहर बनाए,
मिल गये कई हाथ होकर गांव पूरा साथ
किया श्रम का दान, उसका है यह प्रमाण
आज नहर बन गई और खेती संवर गई,मेड बंधान है उपजाऊ मिट्टी
और जल रोकने का संधान
खेत के पानी को खेत में रोको
सबको बोलो सबको टोको
जल करो बर्बाद क्योंकि इससे जीवन है होता आबाद
धरती यह प्यास बुझाता,
धीरे-धीरे जमीन में उतर जाता,
फिर कुंए का जल बन हमको वापस हमारी प्यास बुझाता
वर्षा जल है अमृत धार देखो बह जाये पानी बेकार
करो तरह-तरह के उपाय जितना हो सके जल धरती में समाय
जितना रोको खेती बढती एक फसल दो और दो तीन में बदलती
यह कार्य सबसे महान, जल बचाने का छेडो अभियान,पानी की यह संचित राशि, फसलो का जीवन बचाती
गर्मी में सर्द अहसास, प्यासो की बुझती प्यास
जल में जीवन जीवन में जल, इससे ही जीवन सफल
प्रयत्न कर इसे बचाओ, जीवन में यह धर्म कमाओ
इसका बचना जीवन बचना, क्योंकि इससे ही है जीवन रचना
कितना उज्जवल कितना निर्मल, कितना मधुर कितना शीतल
उसका ही है जीवन सफल, जिसने किया उपाय और बचाया जल,पूरे पहाड का पानी उतरता चलती झीर
बना दिया रास्ता बह निकला निर्मल नीर
निर्मल नीर आसपास की खेती लहलहाती, पीते जल राहगीर
मिलजुल कर करने से काम घटती सबकी पीर
सब मिलकर बांट लो छोटी हो जाती समस्या गंभीर

No comments:

Post a Comment