राष्ट्र पिता का मूल्यांकन फिर से किया जाए ? क्यूंकी वर्तमान भारत ज्यादा पढ़ा लिखा और सजग है !
राष्ट्र पिता का मूल्यांकन फिर से किया जाए ? क्यूंकी वर्तमान भारत ज्यादा पढ़ा लिखा और सजग है !
--1-- क्या राष्ट्रीय पिता उसे कहते है जो किसी एक विशेष समुदाय के प्रति तुष्टिकरण की निति रखता हो, --2-- ऐसे अहिंसा के पुजारी जिसके मंदिर मे १ महीने मे १० लाख लोग मौत के काल मे समां गए, --3-- अगर इसे महात्मा कहते है तो वह १० लाख लोगो की मौते नहीं होती ! उसे पता थी यह बात की एसा हो जायेगा, क्योकि वह तो महात्मा थे ना ? --4-- भ्रह्मचर्य का सिर्फ अभ्यास कोई भला ६० साल तक करता है ? उसके प्रयोग करता हो, भ्रह्मचर्य का पालन जन्म से लागु होता है, गाँधी ने इसकी अलग ही परिभाषा लिख डाली --5-- एसा महात्मा जो पाकिस्तान को ५५ करोड़ जेसी भरी भरकम राशी ( आज के समय मे २०,००० करोड़ ) देने के लिए अनसन पर बैठा हो, --6-- एसा "राष्ठ्रपिता" जो जनता को सिखाये की कैसे अपनी मांगो के लिए हड़ताल करनी चाहिए, ये हाल आज भी है, लोग हड़ताले करते है रोज, बैंक की हड़ताल, शिक्षको की हड़ताले... वगेरह --7-- एसा महात्मा जो सरकार पर मस्जिद बनवाने के लिए दबाव बनाता हो और सोमनाथ मंदिर के लिए पैसे मांगने पर उसे व्यर्थ का सरकारी खर्च मानता हो ! --8-- इस महात्मा को सिर्फ भारत के भूखे नंगो को इकठ्ठा करना आता था जिसकी कला आज के रौल विंसी, अंतोनियो, बियंका मे भी है ( राहुल गाँधी, सोनिया, प्रियंका ) --9-- कहते है की गाँधी तपती धुप मे यात्रा करते थे तो उस ज़माने मे क्या किसान घर मे छत के निचे खेती बड़ी करते थे ? , और क्या साथ मे मारुती गाड़ी रखते थे ? कम ही ऐसे थे जो गाड़ी / बेलगाडी से यात्रा करते थे --10-- कोंग्रेस के द्वारा घोषित तथाकथित "राष्ट्रपिता" क्या भारत इतिहास के अकेले भारतीय थे जो भ्रह्मचर्य की बाते करते थे, उनके भी संताने थी और भ्रह्मचर्य का अखंड पालन करने वाले विवेकानंद क्यों नहीं राष्ट्रपिता थे ? वो तो गाँधी से १०० गुना सच्चे देश भक्त थे और दुनिया उन्हें आदर भाव देती है है इसी किताब जिसमे उनके बारे मे गलत लिखा है ? पूरी दुनिया मे उन्होंने भारत का सही मान बढाया था ! --11-- लेकिन क्या है ना की स्वामी विवेकानंद जी जैसे धर्म पुरुष से कोई सत्ता हासिल नहीं होती थी इसलिए "गाँधी" ब्रांड का सहारा लिया कोंग्रेस ने ! --12-- भारतवासियों को हमेशा दुसरे गाल पर भी खाने की सलाह देने वाले गांधीजी के कोंग्रेसी अनुयायी कितने हत्यारों ( गुरु, मदनी, कसाब आदि ) को पनाह देती है --13-- अगर ऐसे महात्मा कहा जाता है तो नाथूराम जेसे तथाकथित "हत्यारा" जिसकी अस्थिया आज भी पुणे में पड़ी है, उसने एक दिन कहा था की "मेरी अस्थिया उस सिन्धु नदी मे बहा देना जिस दिन सिन्धु नदी भारत झंडे के तले बहने लगे ! " ऐसा भला क्यों कहा ? जब उनका मानसिक संतुलन का "टेस्ट" हुआ था तो उनका स्वास्थ्य एकदम ठीक था सामान्य मनुष्य की तरह ! फिर उनको कोंग्रेस की किताबो मे मानसिक रोगी क्यों कहा ? --14-- ये कोंग्रेस के द्वारा घोषित महात्मा है, जिन्होंने पुरे विश्व में अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से अपने सत्ता के तृष्णा के लिए किसी तथाकथित "महात्मा" का सहारा लिया जिसने हमेशा बोस, पटेल, भगत सिंह, उस्फफ़ उल्लाह खान, राजगुरु की नीतियों का विरोध किया और उन्हें देश द्रोही तक कह दिया --15-- आज समय आ गया है की नई पीढ़ी कोंग्रेसी किताबो के इतिहास से परे सच्चाई जानने का प्रयास करे, और सुनिश्चित करे की राजगुरु, भगत सिंह, अबुल कलम आजाद, उल्लाह खान, बोस, पटेल , गोडसे आदि देश भक्त थे या फिर ये तथाकथित "महात्मा" भारत के नोट पर शोभा बनने के लायक ! --16-- हमने जहा से इस तथाकथित राष्ट्रीय पिता के बारे मे कोंग्रेसी इतिहास से पढ़ा - सुना, और उसे राष्ट्रीय पिता का दर्जा दे दिया , वन्दे मातरम ! --17-- गांधी "जी" (?) ने एक बार कहा था कि यदि गो-हत्या देख कर दुःख होता है तो उसके विरोध में अपनी जान दे दो लेकिन गो-हत्या करने वाले को क्षति मत पहुँचाओ. वाह रे गाँधी वाह! मतलब गायें तो मारी हीं जाएँ और साथ में गोपालक भी मरे. तो लक्ष्य किसका सधा ? मुसलमानों को हम गाय के साथ स्वयं को भी समर्पित करें ! --18-- आजकल राहुल गांधी जैसे अज्ञानी को भीमहन बना देती है मीडिया नाम की ब्रांडिंग अजेंसी, वैसे ही गांधी को उस समय एक ब्रांडिंग अजेंसी ने ब्रांड बनाया था घर घर तक ! आप ही बताइये उस एजेंसी की मेहनत व्यर्थ जाने वाली थी क्या (क्यूंकी उस समय लोगो ज्यादा अनपढ़ थे ) यही कारण था की भगतसिंह , आजाद, बॉस जैसे लोगो के साथ पढेलिखे लोग थे ? आज की हिन्दू जनता से यह अवश्य पूछना / सर्वे करना चाहिए की उसका राष्ट्रपिता कैसा हो ना की एक पार्टी किसी अयोग्य व्यक्ति को राष्ट्र-पिता जैसा महान दर्जा दें, हमारा राष्ट्र से मतलब भारत और भारत का राष्ट्र पिता गाँधी जेसा हो तो फिर स्वामी विवेकानंद, गौतम बुद्ध, दयानंद सरस्वती, महर्षि अरविन्द, सुभाष चन्द्र बोश, भगत सिंह, आजाद, टोपे, मंगल पांडे, वीर सावरकर ( इन्हें तो कोंग्रेस आतंकवादी कहती है ) , राज गुरु, अस्फफ़ उल्लाह खान, राणा प्रताप, शिवाजी, भामा शाह, राणा सांगा, बिस्मिल राणा कुम्भा, रामदास, तुका राम, संत कबीर, रैदास, राम कृष्ण परमहंस, राम, कृष्ण, अर्जुन, भीम, भरत, भीष्म पिता, परशुराम, युधिष्ठिर, पृथ्वी राज चौहान ( भारत का अंतिम हिन्दू सम्राट जिसने मोहम्मद गौरी जेसे नीच, आतंकवादी को १४ बार परस्त किया) , हनुमानजी , राजा हर्षवर्धन ( ऐसे महान सम्राट के बारे मे शायद मेक-डोनाल्ड मे जाने वाला क्या जाने ?) , अशोक क्या सिर्फ कहानिया मात्र थी ? क्या ये सभी गाँधी से कम महान थे ... राणा सांगा अगर अहिंसा नहीं करते और आतंकवादियों को नहीं खदेड़ते तो वे राणा सांगा नहीं कहलाते, अच्छा हुआ की गाँधी जैसे "महापुरुष" ने इस मुर्दी सदी मे मुर्दे लोगो के संग अवतार लिया ! आज के ज़माने मै गाँधी को महत्व क्यों दिया जा रहा है इसका एक कारण है की ओबामा गाँधी को मानता है ( मानने का ढोंग करता है , काले अंग्रेजो को बेवकूफ बनाने के लिए )------नोट: मेरा गाँधी के साथ कोई जाती दुश्मनी नहीं है, मेरे ह्रदय मे सिर्फ हमारी हजारो साल पुरानी सभ्यता का गौरव है बस ! इसलिए मुझे घृणा है ऐसे लोगो से जो राष्ट्र-पिता शब्द का अपमान करते है और उस शब्द का मतलब नहीं समझते , और किसी एरे गेरे को राष्ट्र पिता बना देते है, मुझे आपत्ति है इस शब्द से मेरे भारत का पिता ऐसा नहीं हो सकता है ! आप को पूरा अधिकार है की आप इस तथाकथित महात्मा के बारें मे जाने इन्टरनेट पर और सच्चे साहित्य
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