मित्रों एक दुर्लभ घटना जिसकी किसी भी नीच मीडिया ने जिक्र नही किया .. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को उनके इस जागरूकता और उनके हौसले को सलाम किया है ..मित्रों , पूरे देश को नाज है जस्टिस अशोक गांगुली पर .. सरकार ने इनके उपर बहुत दबाव बनाया था कि ये अपने रिटायरमेंट के दिन अपना फैसला सुनाने के बजाय सील बंद कवर मे चीफ जस्टिस को चीफ सौप दे ..
चूँकि सरकार को मालूम था कि घोटाला तो हुआ ही है और जब कांग्रेस के भोंदू युवराज की साख यूपी चुनावो मे दांव पर लगी हों तो कांग्रेस के नहीं चाहती थी कि इस समय कांग्रेस और नकली गांधियो के भ्रष्ट चेहरे जनता के सामने एक बार फिर बेनकाब हों जाये ..
जैसा की सब जानते है कि ज्यादार सरकार के दलाल जज सेवानिवृत्ति के बाद किसी ना किसी आयोग के चेयरमैन या किसी राज्य के राज्यपाल बनकर सेवानिवृत्ति के बाद भी मलाई चाटने लगते है ..
लेकिन जस्टिस गांगुली ने इन सब पर लात मार कर इस देश के न्याय तन्त्र का सर ऊँचा कर दिया है . और अब इस देश की जनता का विश्वास न्याय तन्त्र मे और मजबूत होंगा .
सुप्रीम कोर्ट के कहा कि अगर स्वामी जी ने इतनी लम्बी लड़ाई और वो भी अकेले नहीं लड़ी होती तो इस मामले से कभी पर्दा नहीं उठ पता ..
"the suprim court and the judisry of india solute
the effort of dr. sumramanyam swami .."कुछ मित्र जो कानून की बारीकियां नहीं जानते है उन्हें इस बात का दुःख है की सुप्रीम कोर्ट ने चितंबरम का मामला क्यों ट्रायल कोर्ट पर छोड़ दिया ? मित्रों , सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वामी ने वही सारे दस्तावेज दिये है जो उन्होंने सीबीआई की विशेष कोर्ट मे दी है .. और सुप्रीम कोर्ट ने उन सारे दस्तावेजों का संज्ञान लिया है . और सुप्रीम कोर्ट मे स्वामी ने चितंबरम की भूमिका की जाँच की मांग की थी ... लेकिन सीबीआई कोर्ट ने सवामी ने चितंबरम को आरोपी बनाने की मांग की है . और सीबीआई कोर्ट के जज ओपी सैनी ने सुनवाई पूरी कर भी ली है .. और अगर सुप्रीम कोर्ट इस बारे मे कुछ भी कहता तो फिर सीबीआई कोर्ट के फैसले पर इसका असर पड़ता और इस मामले मे दोनों फैसले मे चितंबरम के वकील डिफ़रेंस खोज कर इसे फिर से चुनौती दे सकते थे और चितंबरम के खिलाफ पूरा का पूरा मामला फिर से चलाना पड़ता ..
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अदलत से कहा है कि वो हर हालत मे दो हप्ते के भीतर चितंबरम पर फैसला दे .. जो कि कल आने वाला है .
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